गुरुवार, 31 अक्तूबर 2013

Shimla- Church- Rij ground- mall road शिमला चर्च, रिज मैदान व माल रोड़ का भ्रमण

किन्नर कैलाश यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।

KINNER KAILASH TREKKING-11                                         SANDEEP PANWAR
शिमला की सबसे ऊँची जाखू चोटी पर स्थित हनुमान मन्दिर देखने के बाद धीरे-धीरे मस्ती भरी चाल चलता हुआ मैं शिमला के रिज मैदान तक आ पहुँचा। ऊपर जाते समय मैंने कुछ बन्दर पानी में कूदते हुए देखे थे लेकिन वापसी में वहाँ उस जगह एक भी बन्दर नहीं मिला। रिज मैदान में पहुँचा तो याद आया कि ऊपर एक प्लेटफ़ार्म से पूरा मैदान स्पष्ट नजर आता है। मैं अभी मैदान में नहीं घुसा था पहले उस प्लेटफ़ार्म पर पहुँचा, जहाँ से रिज मैदान सम्पूर्ण दिखाई देता है। मैं यहाँ से मैदान के फ़ोटो लेने लगा तो दो-तीन बन्दे मेरे पास आकर खड़े हो गये। वे होटल में कमरा दिलाने का कार्य करते थे। उन्होंने मुझसे ठहरने के लिये कमरे के बारे में कहा। मुझे रात में शिमला में ठहरना ही नहीं है तो कमरा क्यों लेता? फ़िर भी मैंने उनसे कहा कि सबसे सस्ता कमरा बताओ कितने का मिल जायेगा। उन्होंने सबसे सस्ता कमरा 400 का बताया था। मैंने कहा कि 200 रुपये दूँगा। उन्होंने मना करते हुए कहा कि इतने में यहाँ कमरा नहीं मिलेगा! अच्छा फ़िर मैं यहाँ नहीं रुकूँगा।


बुधवार, 30 अक्तूबर 2013

Shimla- Jakhu Temple शिमला की सबसे ऊँची चोटी व सबसे ऊँची मूर्ति के जाखू हनुमान मन्दिर

किन्नर कैलाश यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।

KINNER KAILASH TREKKING-10                                         SANDEEP PANWAR

शिमला आने के बाद मेरे साथ बैठी सवरियों ने बताया कि यही उतर जाओ। बस से उस जगह उतर गया जहाँ से जाखू मन्दिर पैदल जाने का मार्ग सबसे कम है। आड़े-तिरछे मोड़ चढ़ते हुए मैं रिज के पास चर्च के सामने पहुँच गया यहाँ से आगे का मार्ग मुझे मालूम था। क्योंकि मैं शिमला वाली ट्राय ट्रेन की यात्रा करते हुए शिमला की सबसे ऊँची चोटी जिसकी ऊँचाई 2455 मीटर(8000 फ़ु) है जाखू मन्दिर पहले भी सन 2007 में आ चुका था। जैसा कि मैं बता चुका हूँ कि मैं पहले भी यहाँ आ चुका हूँ तो दूसरी बार क्यों? मेरी आदत है कि मैं लगभग हर जगह कम से कम दो बार तो अवश्य जाता ही रहा हूँ। जब मैं चर्च के सामने पहुँचा तो मुझे अपनी कई साल पहले की वह यात्रा याद हो आयी, उस यात्रा के दौरान शिमला जैसा छोड़ कर गया था आज भी ज्यादातर वैसा ही दिखायी दे रहा था। चर्च के सामने ही एक पुस्तकालय अर्थात लाइब्रेरी है इसी के बराबर से होकर ऊपर जाने वाला मार्ग जाखू पर्वत पर बने हनुमान मन्दिर जाता है। जब मैं पहली बार यहाँ आया था तो उस वर्ष तक जाखू मन्दिर में हनुमान जी की 108 फ़ुट ऊँची महाविशाल मूर्ति का निर्माण कार्य नहीं हुआ था। जहाँ तक मुझे याद पड़ता है उस यात्रा के समय इसका कार्य भी आरम्भ नहीं हुआ था। यह विशाल मूर्ति शिमला के रिज व अन्य कई स्थलों से साफ़-साफ़ दिखायी देती है।




रविवार, 27 अक्तूबर 2013

Road Journey- Powari- Rampur- Shimla पोवारी से रामपुर होकर शिमला तक

किन्नर कैलाश यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।

KINNER KAILASH TREKKING-09                                         SANDEEP PANWAR
तंगलिंग गाँव की उतराई समाप्त होते ही सतलुज नदी दिखायी देने लगी। हम बीते 5 घन्टे से लगभग बिना रुके उतरते जा रहे थे बीच में एक जगह बड़े पत्थर पर कुछ देर बैठकर बिस्कुट खाये थे। जहाँ से यह चढ़ाई समाप्त/आरम्भ होती है। उसके ठीक सामने लोहे का रस्सी वाला झूला बना हुआ है। हमें पोवारी के दुकान वाले ने बताया था कि झूले की मरम्मत चल रही है। मैंने इसके पास आते ही अपना बैग इसके सामने पटक दिया। कैमरा मेरे गले में लटक ही रहा था जब तक राकेश आता मैंने सतलुज के व इस झूले के फ़ोटो ले लिये। जिस जगह से किन्नौर कैलाश की चढ़ाई/ट्रेकिंग आरम्भ होती है उसके ठीक सामने यह झूला है। राकेश भी नीचे आ गया। कुछ देर विश्राम किया गया। जिस जगह हम बैठे थे यह जगह सतलुज समुन्द्र तल से 2000 मीटर ऊँची है सुबह हम वन विभाग के जिस कमरे से चले थे वह वृक्ष रेखा समाप्त होने के बाद बनाया गया है आमतौर पर वृक्ष रेखा समुन्द्र तल से लगभग 3500-4000 किमी के आसपास मानी जाती है। हमने सुबह से कोई 8-10 किमी की दूरी तय की होगी।



गुरुवार, 24 अक्तूबर 2013

forest house to Tangling Village वन विभाग के कमरे से तंगलिंग गाँव तक खतरनाक ढलान

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KINNER KAILASH TREKKING-08                                         SANDEEP PANWAR

अंधेरा होते-होते हम वन विभाग के उसी कमरे तक पहुँच गये थे जहाँ कल वाली रात बितायी थी। आज पूरे दिन की खतरनाक लेकिन यादगार ट्रेकिंग करने के उपराँत कल वाली जगह पहुँचना राहत की बात थी। यहाँ से सुबह ठीक 6 बजे चले थे आगे के जटिल मार्ग को देखते हुए हमने सोचा था कि हमें रात गुफ़ा तक आने में ही हो जायेगी, लेकिन हम उम्मीद से ज्यादा चले। तेज चलने के सिर्फ़ दो कारण मेरी समझ में आते है कि इस यात्रा में हम सिर्फ़ दो ही बन्दे थे यदि ज्यादा होते तो शायद गुफ़ा पर ही रुकना पड़ सकता था। लेकिन पैदल चलते समय राकेश की हिम्मत की जितनी सराहना की जाये कम है मैं अपनी बात नहीं कर रहा हूँ मैं एक अलग खोपड़ी का प्राणी हूँ पता नहीं, परमात्मा ने मुझे क्या सोच समझ कर बनाया था। बात हो रही थी राकेश की, मैंने राकेश की हिम्मत देख कर पूछ ही लिया कि राकेश भाई यह बताओ अपनी दैनिक जिन्दगी में अपने आप को फ़िट रखने के लिये कुछ कसरत आदि करते हो या नहीं। राकेश बोला जाट भाई मैं रोज सुबह 5 बजे बिस्तर छोड़ देता हूँ। कई किमी साईकिल चलाकर एक बड़े से पार्क में हल्की-फ़ुल्की कसरत करने जाता हूँ। 


सोमवार, 21 अक्तूबर 2013

Kinner Kailash Shivlinga darshan and back to forest house किन्नर कैलाश महाशिला दर्शन के बाद वापसी

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KINNER KAILASH TREKKING-07                                         SANDEEP PANWAR
सबसे ऊपर पहुँचकर देखा कि मेरे सीधे हाथ पर किन्नर कैलाश शिवलिंग आकाश को चुनौती देते हुए खड़ा है। अब अपुन और देवों के देव महादेव भोले नाथ का ठिकाना किन्नर कैलाश आमने सामने है। भोले नाथ के प्रतीक शिवलिंग रुपी महाशिला के सम्मुख जाने से पहले मैंने अपने जूते निकाल कर पत्थरों पर ही छोड़ दिये। आखिरी की कुछ दूरी तेजी से चढ़ने के कारण साँस थोड़ी फ़ूली हुई थी कुछ देर रुक कर उसे सामान्य किया गया। मेरे पास ऊँचाई मापने का कोई यंत्र नहीं था जिससे मैं आपको बता सकू कि किन्नर कैलाश शिला कितनी ऊँचाई पर है, फ़िर भी नेट व विकीपीडिया से ली गयी जानकारी से पता लगा कि यह स्थल समुन्द्र तल से लगभग 19000 फ़ुट से ज्यादा ऊँचा है। कुछ जगह तो इसकी ऊँचाई 21000 फ़ुट भी लिखी हुई है खैर असली ऊँचाई कुछ भी हो। मैंने इसे 20000 हजार माना है। यह मेरी अब तक सबसे अधिक कठिन व अधिकतम ऊँचाई तक की गयी ट्रेकिंग रही है। वैसे मेरी बाइक नीली परी भी खरदूंगला की 18358 फ़ुट ऊँचाई तक यात्रा कर चुकी है।

शनिवार, 19 अक्तूबर 2013

Parwati kund to Kinner Kailash rock पार्वती कुन्ड से किन्नर कैलाश शिवलिंग/शिला तक

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KINNER KAILASH TREKKING-06                                         SANDEEP PANWAR
गौरी/पार्वती कुन्ड़ में नहाने की बात सुनते ही राकेश अपना तकिया कलाम बोला “मजाक तो नी कर रहे हो।“ मैंने कहा, “नहीं राकेश भाई मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ देखो सूरज महाराज भी निकले हुए है।“ एक मिनट भी नहाने में नहीं लगेगा क्योंकि पानी कितना ठन्ड़ा है यह तो तुम देख ही चुके हो। फ़टाफ़ट गोली की रफ़तार से पानी में घुसना और मिसाईल की रफ़तार से बाहर निकल आना। राकेश बोला जाट भाई वो देखना उधर क्या लिखा है? राकेश की बतायी दिशा में देखा तो नहाने के अरमान समाप्त हो गये। वहाँ लिखा था पार्वती कुन्ड़ में स्नान करना सख्त मना है। मैं भले ही अधिकतर पुजारी व भिखारी को अच्छा नहीं मानता हूँ लेकिन अच्छी बात पर हमेशा अमल करता हूँ वहाँ लिखा था कृपया पार्वती कुन्ड़ की पवित्रता बनाये रखने में सहयोग करे, यहाँ स्नान ना करे। जब हम जैसे घुमक्कड़ ही ऐसी कुदरती स्थलों पर गन्दगी फ़ैलायेंगे तो आम लोगों को कैसे रोक पायेंगे? इसलिये मैंने स्नान करने की इच्छा पर वही विराम लगा दिया। कोई बात नहीं, यहाँ ना सही, नीचे किसी नदी पहाड़ी नाले के स्वच्छ जल में स्नान कर अपनी स्नान की भूख मिटा लेंगे।





सोमवार, 14 अक्तूबर 2013

Gufha to Gauri Kund गुफ़ा से पार्वती कुन्ड़

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KINNER KAILASH TREKKING-05                                         SANDEEP PANWAR
हमने गुफ़ा में पहुँचते ही पहले से तय कार्यक्रमनुसार अपने बड़े रकसैक बैग गुफ़ा में छोड़ दिये। गुफ़ा में कुछ सामान पहले से ही रखा हुआ था जिसमें किसी का रकसैक, स्लिपिंग बैग व मैट बिछी हुई थी। जिस दम्पति का यह सामान था वे रात गुफ़ा में ही ठहरे थे। बाद में दिन में यह लोग हमें किन्नर कैलाश शिला के दर्शन से लौटते हुए मिले थे। उससे भी बड़ा गजब यह रहा कि दिल्ली आते समय रात में मैं रामपुर बस अड़्ड़े के जिस डोरमेट्री में ठहरा था तो यह वहाँ भी उसी रात रुके थे यह बात मुझे रामपुर बस अड़ड़े के डोरमेट्री वाले ने देर रात बतायी थी। गुफ़ा पहुँचते ही राकेश व रामपुर वाले बन्दों ने चाय बनानी की तैयारी शुरु कर दी। मोबाइल में समय देखा सुबह के 07:30 हुए थे। एक बड़ी लकड़ी तो मैं अपने साथ लाया ही था लेकिन वहाँ पहले से ही कुछ लकडियाँ बची हुयी थी इसलिये अपनी वाली लकड़ी एक तरफ़ रख दी ताकि दूसरे लोगों के काम आ जाये। चूल्हे के नाम पर तीन चार पत्थर रखे हुए थे उन्ही को चूहे का रुप दे दिया गया था।


गुरुवार, 10 अक्तूबर 2013

Forest Sarai to Gufha/Cave वन विभाग सराय से गुफ़ा तक (भण्ड़ारा कुछ लोगों ने आग से जला ड़ाला)

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KINNER KAILASH TREKKING-04                                         SANDEEP PANWAR
तंगलिग गाँव के नाले से जो तीखी धार शुरु हुई थी उसका पीछा ठीक 5/6 घन्टे बाद वन विभाग के कमरे पर जाकर ही छूट पाया था। स्थानीय लोग वन विभाग के कमरे को सराय कहकर पुकार रहे थे। यहाँ आने से पहले मैं सोच रहा था कि सराय नाम है तो जाहिर है रहने के लिये दो-चार कमरे तो बने ही होंगे लेकिन नहीं। जब हम इस कमरे के पास पहुँचे तो चारों ओर पहले से ही घुप अंधेरा छाया हुआ था। शुक्र था कि मेरे पास टार्च थी, इस यात्रा में मेरे पास जो मोबाइल था उसमें टार्च नहीं थी। रात के करीब 9 बजे हम यहाँ पहुँच पाये थे। अगर देखा जाये तो हम अंधेरे में लगभग डेढ़ घन्टे तो चले ही होंगे। चलते समय शरीर गर्म रहता है इसलिये ठन्ड़ का पता नहीं लग पा रहा था लेकिन जैसे ही यहाँ आये और शरीर ठन्ड़ा होना शुरु हुआ तो ठन्ड़ का असर दिखना आरम्भ हो गया। सिर पर ठन्ड़ से बचने के लिये गर्म टोपी भी नहीं पहनी थी। बदन के ऊपरी हिस्से पर एक आधी बाजू की टी शर्ट मात्र थी। जैसे ही शरीर में ठन्ड़ के कारण झुरझुरी होनी शुरु हुई तो हम कमरे में घुस गये।

वन विभाग के कमरे से सुबह का नजारा

सोमवार, 7 अक्तूबर 2013

Tangling Nala To Forest room तंगलिंग गाँव के नाले से वन विभाग के कमरे तक

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KINNER KAILASH TREKKING-03                                         SANDEEP PANWAR
पिछले लेख में आपको बताया गया था कि तंगलिंग गाँव के शीर्ष पर पहुँचने के बाद उसके आगे बढ़ते ही एक पहाड़ी साफ़ पानी के नाले की गहराई में उतरना पड़ता है। अब उससे आगे चलते है- किन्नर कैलाश यात्रा में पीने के पानी की भयंकर कमी बतायी गयी थी इसलिये हम पहले ही अपनी बोतले भर कर चले थे। पानी की इतनी कमी रहेगी इस बात को जानने के बाद, मैं दिल्ली से ही पानी की दो बोतले लेकर चला था। वैसे भी मुझे भूख से तो बहुत ज्यादा परेशानी नहीं होती, यदि किसी मजबूरी से दो-एक दिन खाने को ना भी मिले तो चल जायेगा लेकिन पानी की कमी पड़ेगी तो समस्या मेरे लिये भी दिक्कत करेगी। दो-चार घन्टे तक तो पानी की कमी झेली भी जा सकती है लेकिन यदि पानी 8-10 घन्टे बाद मिले और अपने पास पानी हो ही ना तो फ़िर मामला गंभीर हो सकता है। यह नाला किन्नर कैलाश यात्रा में आने वाली पार्वती कुन्ड़ के किनारे से होकर आता है। यहाँ आने वाले लोगों ने बताया भी कि इस नाले की शुरुआत पार्वती कुन्ड़ से होती है लेकिन मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगा। 



शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2013

Powari to Tangling पोवारी से तंगलिंग गाँव के शिखर तक

किन्नर कैलाश यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।

KINNER KAILASH TREKKING-02                                         SANDEEP PANWAR
इस यात्रा के पहले लेख में आपको दिल्ली से पोवारी तक की यात्रा के बारे में बताया गया था। अब उससे आगे- जैसे ही सड़क किनारे लगे बोर्ड़ पर पोवारी नामक स्थान का बोर्ड़ दिखायी दिया हमने तुरन्त बस चालक से बस रोकने को कहा मैं काफ़ी देर से सड़क किनारे लगे दूरी सूचक बोर्डों को बड़े ध्यान से देखता हुआ चला आ रहा था कि कही पोवारी पीछे ना छूट जाये? जब शांगठांग नामक बड़ा सा लोहे वाला पुल आया तो वहाँ से पोवारी की दूरी मात्र दो किमी शेष बची थी जितनी जानकरी हमें थी उसके अनुसार हमारी ट्रेकिंग आरम्भ करने का स्थान पोवारी आ गया था यहाँ से किन्नर कैलाश की ट्रेकिग आरम्भ करने का स्थान बताया जाता है


बुधवार, 2 अक्तूबर 2013

Let's go to Kinner kailash-Kinnaur District आओ किन्नर कैलाश की ट्रेकिंग पर चले

किन्नर कैलाश यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।

KINNER KAILASH YATRA-01                                                SANDEEP PANWAR
भोलेनाथ शंकर जी के कुल 5 कैलाश है जिनके नाम है मणिमहेश दो बार देखा जा चुका है, श्रीखन्ड़ महादेव एक बार देखा गया है, किन्नर कैलाश इस यात्रा में, आदि कैलाश अगले साल तय है, कैलाश मानसरोवर अभी कुछ तय नहीं है, इनमें से सबसे ऊँचे व दुर्गम कैलाश किन्नर है। बीते वर्ष यहाँ का कार्यक्रम बनते-बनते रह गया था अबकी बार जैसे ही यहाँ की यात्रा आरम्भ हुई तो किन्नर कैलाश के आधार तंगलिंग गाँव के स्थानीय देवता ने (पता नहीं, देवता के नाम पर गाँव वाले नाटक क्यों करते है?) बोल दिया कि अबकी बार यात्रा नहीं होगी। मैंने पहले से ही तैयारी की हुई थी कि अबकी बार जैसे ही किन्नर कैलाश यात्रा की जानकारी मिलेगी, मैं तुरन्त चला जाऊँगा, लेकिन जब यह समाचार मिला कि स्थानीय देवता इस साल नाराज है जिस कारण इस साल यात्रा नहीं होगी तो सोचा कि चलो आदि कैलाश की यात्रा कर आता हूँ। 


मंगलवार, 1 अक्तूबर 2013

Tourist Places in Daman-Diu दमन और दीव के पर्यटक स्थल

दमन और दीव के पर्यटक स्थल


Tourist Places in Pondicherry पांडीचेरी/पुदुचेरी के पर्यटक स्थल

पांडीचेरी /पुदुचेरी के पर्यटक स्थल


Tourist Places in Andaman Nicobar islands अन्ड़मान निकोबार

 अन्ड़मान-निकोबार दवीप समूह के पर्यटक स्थल


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