गुरुवार, 31 जनवरी 2013

Goa- Cansaulim to Kulem train journey गोवा- कनसोलिम से कुलेम तक रेल यात्रा

गोवा यात्रा-12

समुन्द्र किनारे वाली दो दिन की ट्रेकिंग तो कल ही समाप्त हो गयी थी। अब आज हमारी गोवा के घने जंगलों में ट्रेकिंग आरम्भ होने वाली थी। गोवा के जंगल समुन्द्र से काफ़ी दूर थे, वहाँ तक पहुँचने के लिये हमें भारतीय रेल में सवार होकर उन तक पहुँचना था। हम सुबह-सुबह ठीक साढ़े छ: बजे तैयार हो गये थे। सबने सुबह का नाश्ता करने के बाद, दोपहर के लिये पराँठे भी पैक कर लिये थे। हमारे कैम्प से नजदीकी रेलवे स्टेशन कनसोलिम था। हमॆं कैम्प से वहाँ तक पहुँचने में मात्र बीस मिनट ही लगे होंगे। हमें इस स्टेशन से लोकल सवारी रेलगाड़ी में बैठकर कुलेम स्टेशन तक जाना था। जहाँ से आगे की यात्रा गोवा के जंगलों से होकर आगे बढ़नी थी। हमारी ट्रेन अपने समय से बीस मिनट देरी से हमें लेने के लिये आयी थी। जैसे ही ट्रेन आयी, वैसे ही हम सभी एक डिब्बे में जाकर बैठ गये। यहाँ सुबह का समय होने के कारण रेल में ज्यादा मारामारी नहीं मची थी। जिस कारण डिब्बा लगभग खाली ही पड़ा हुआ था।


Cansaulim Station

बुधवार, 30 जनवरी 2013

Colva beach to Cansaulim beach & Night stay कोलवा बीच से कानसोलिम तक ट्रेकिंग व रात्रि विश्राम

गोवा यात्रा-11
हमें बताया गया था कि गोवा के समुन्द्र तटों पर नहाते समय कई लोग अपनी जान ऐवे ही आलतू-फ़ालतू में पानी में डूब कर गवाँ बैठते है। इस लिये हमें पहले ही सावधान किया गया था कि समुन्द्र में नहाते समय ज्यादा गहराई में नहीं जाना है। सुबह के समय तो समुन्द्र में नहाना नसीब नहीं हो पाता था इसलिये शाम के समय कैम्प में रुकने के बाद जैसे ही हमें मौका मिलता, तुरन्त हम अपना सब कुछ उतार कर(एक वस्त्र छोड़ कर) समुन्द्री नमकीन पानी में कूद पड़ते थे। हम चलने में तो तेज थे ही जिस कारण हमारे पास कही भी रुककर देखने के लिये समय आसानी से मिल जाता था। नीचे वाला फ़ोटो भी ऐसे ही समय मिलने के बाद पीछे रह गये साथियों के इन्तजार करते समय लिया गया था।
Colva beach

सोमवार, 28 जनवरी 2013

Benaulim beach-Colva beach बेनाउलिम बीच और कोलवा बीच पर जमकर धमाल व केन्सोलिम की ओर ट्रेकिंग

गोवा यात्रा-10
गोवा की इस यात्रा में अभी तक आपने दिल्ली से ट्रेन का मुसीबत वाला सफ़र देखा, उससे आगे मडगाँव से लेकर मीरामार बीच तक का भी देखा है। अब आप देख रहे है गोवा का सबसे लम्बा व सबसे खूबसूरत बीच जिस पर वो भी एकदम अपनी स्टाइल में पूरे दो दिन तक पैदल चलते गये चलते गये कुदरती चीज देखनी है तो वाहन में बैठकर क्या मजा, कार-बस में बैठकर तो पर्यटक देखा करते है, हम जैसे तो जन्मजात(इसकी भी एक कहानी है बताऊँगा कभी) ही घुमक्क्ड़ ठहरे। घुमक्कड़ कुछ फ़क्कड़ (इसे यहाँ मंगते मत समझ लेना) किस्म के होते है। शुरु के दो दिन तक तो हम पर्यटक जैसे हालात में ही रहे, लेकिन जब अपनी वाली बात (ट्रेकिंग) आयी तो अपुन अपनी फ़ुल फ़ॉर्म में आ गये थे।  आज से मैं अपने लगाये फ़ोटो में बार्डर का प्रयोग किया करुँगा। आपको अच्छा लगा तो सुभान अल्लू, बुरा लगा तो भी बार्ड़र लगाऊँगा। 
बीच पर उड़ाने का जुगाड़।

शनिवार, 26 जनवरी 2013

Betul beach-Mobor beach-Cavelossim beach-Varca beach-Trinity beach-Benaulim beach, बेतूल बीच, मोबोर बीच, वर्का बीच होते हुए बेनाउलिम बीच तक

गोवा यात्रा भाग-09 
आज की पद यात्रा निम्न बीच से शुरु होकर BETUL BEACH-MOBOR BEACH-CAVELOSSIM BEACH-VARCA BEACH-ZUMBRAI BEACH-TRINITY BEACH-BENAULIM BEACH तक जायेगी। कैम्प से चलते समय सुबह का नाश्ता तो सभी ने किया ही था। दोपहर का भोजन जिसे अंग्रेजी में लंच कहते है, सभी पैक कर अपने साथ ही लाये थे। इसके साथ-साथ चलते समय एक-एक पैकेट हम सभी को दिया गया था, जिसमें बिस्कुट के 5-5 वाले तीन पैकेट, एक फ़्रूटी का छोटे वाला पैकेट, एक मूँगफ़ली गुड़ वाली गजक का छोटा सा पैकेट, तथा इसके साथ एकदम बे स्वाद आठ-दस टोफ़ियाँ भी हमें दिये गये, सारा सामान उसी पैकेट में शामिल था। चलते समय दिया जाने पैकेट की सामग्री हमें आगामी पाँच दिन के लिये दी थी। दोपहर का भोजन तो सबको अपने साथ प्रतिदिन पैक कर साथ ही लेकर जाना होता था। अब खाने पीने के मामले में यहाँ पर पूरी ऐश दिखायी दे रही थी।

WALK WITHOUT SANDAL

शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

Goa- Beer & swimming pool, Camp fire गोवा की बीयर, तरणताल, ट्रेकिंग पर रवाना

गोवा यात्रा-भाग-08:
दोपहर में दोना/डोना पाउला (दो सच्चे प्रेमी,) बीच देखने के बाद वापिस मुख्य कैम्प में लौट आये थे। अब हमारे पास कई घन्टे आराम करने के नाम पर रिक्त थे, लेकिन हम जैसे ऊँत खोपड़ी वाले प्राणी/जन्तु को आराम करने का विचार भी दिन में नहीं आ पाता था। मन में हमेशा एक सनक रहती थी कि चलो आसपास कुछ और देख आये, इसी चक्कर में हम कैम्प के ठीक पीछे समुन्द्र किनारे जा पहुँचे थे, यहाँ कमल अपने साथ अपना लैप-टॉप वाला छोटा थैला भी ले आया था, टैन्ट में अकेले किसके भरोसे छोड़ते? लेकिन इस बैग में कमल भाई अपने लिये कुछ माल मसाला भी लाये थे। जिसे उदर में ड़कारने से पहले अनिल ने उसके साथ एक फ़ोटो खिचवा लिया था। वहाँ एकदम सुहानी-मस्तानी ठन्डी पुरवायी चल रही थी, जिस कारण हमारे वहाँ दो घन्टे कब बीत गये? हमें पता ही नहीं लग पाया था।

अनिल का बीयर पीने का स्टाइल

बुधवार, 23 जनवरी 2013

गोवा, दोना-पावला बीच Goa, Dona-Paula beach

गोवा यात्रा-भाग-07
सबका परिचय जानने के बाद हम एक बार आगे की पद यात्रा पर दोना पावला बीच के लिये चलने लगे। कुछ ही देर में हम गोवा के राजपाल निवास राजभवन के सामने पहुँच चुके थे। यहाँ से हमने उल्टे हाथ की ओर चलना शुरु कर दिया था। सीधे हाथ जाने पर राजभवन आ जाता वहाँ हमें अन्दर जाने नहीं दिया जाता। यहाँ से हम सब आगे बढ़ते रहे, कुछ देर बाद ही हम दोना पावला के मुख्य बस स्टॉप पर पहुँच गये थे, जहाँ दोना/डोना पावला/पाउला का बस स्थानक/अड़डा है वहाँ  उस चौराहे पर C I D गोवा पुलिस विभाग का कार्यालय भी बना हुआ है। इसी चौराहे से एक सड़क समुन्द्र की ओर नीचे उतराई पर जाती हुई दिखाई देती है। हम इसी सड़क पर दोना पावला बीच देखने के लिये चल दिये थे।

Dona Paola की पहली झलक

मंगलवार, 22 जनवरी 2013

गोवा ट्रेकिंग, मीरामार बीच Goa trekking, Miramar beach

गोवा यात्रा-भाग-06
यह तो हमें पहले से पता था कि आज हमारा ग्रुप चार-पाँच किमी की ट्रेकिंग करने दोना-पोला बीच तक जाने वाला है। जिसमें सबको अपने बैग साथ ले जाने है, अत: सब अपना-अपना बैग अपने कंधे पर लादकर गेट के पास पहुँच जाये। हम तो यहाँ ट्रेकिंग करने के लिये ही आये थे। ट्रेकिंग के बहाने, किसी तरह गोवा में घूमने का मौका लगे तो सही, हम सब पाँच-पाँच की लाईन में एक साथ खड़े हो गये, जहाँ पर सबसे पहले गिनती शुरु हुई, जिसके बाद हम छोटी सी समुन्द्री ट्रेकिंग पर रवाना हो गये थे।
Total members

रविवार, 20 जनवरी 2013

गोवा के यूथ हॉस्टल कैम्प में रॉक/चट्टान आरोहण Rock climbing in Goa at YHAI Camp

गोवा यात्रा-5
रात का खाना खाने के उपरांत, वहाँ पर कैम्प फ़ायर करने की प्रथा बनायी हुई थी। वहाँ एक बात बहुत अच्छी लगी कि कैम्प फ़ायर के नाम पर लकड़ियाँ जलाने की बरबादी करने की सख्त मनाही थी, इसका तोड़ उन्होंने कैम्प फ़ायर स्थल पर चारों और बिजली से जलने वाले नाईट बल्बों (इन्हें कुछ समझदार जीरो वाट का बल्ब भी कहते है, जबकि इनका वाट लगभग दस तो होता ही है।) का एक घेरा बनाया हुआ था। जब कैम्प फ़ायर करने का समय होता था तब एक स्विच से इन्हें जलाकर फ़ायर-फ़ायर कैम्प फ़ायर बोलकर यह रस्म निभायी जाती थी। यह रस्म प्रतिदिन दोहरायी जाती थी। अगली सुबह हमारा शारीरिक दमखम अभ्यास वाला कार्यक्रम शुरु होना था, लेकिन रात को अंग्रेजी नव वर्ष का स्वागत करने के लिये काफ़ी तैयारी की गयी थी। रात के बारह बजने तक वहाँ गीत-कविता-चुटकले आदि से कई लोगों ने अपनी छिपी हुई प्रतिभा का परिचय दिया था। जब बारह बजने वाले थे, तभी यकायक सभी उठ खड़े हुए। 
                                            इस यात्रा का पहला लेख यहाँ से देख सकते है।
क्मल ऊपर पहुँचते हुए

शुक्रवार, 18 जनवरी 2013

Youth Hostels Camp, Campal, Panji, Goa यूथ हॉस्टल कैम्प, कैम्पल, मीरमार, पणजी, गोवा

गोवा यात्रा-04
हम तीनों ने एक साथ ही गोवा के यूथ हॉस्टल के कैम्प में प्रवेश किया, प्रवेश मार्ग के ठीक बाये हाथ पर ही यूथ हॉस्टल का टैंट नुमा कार्यालय बना हुआ था। हम तीनों ने इसमें अन्दर प्रवेश कर अपनी रिपोर्टिंग का कार्य करना शुरु किया। जो महिला कार्यक्रमी हमारा रिपोर्टिंग कर रही थी, उसने हमें दो-दो फ़ार्म दिये थे, जिन्हे भरकर हमने उसे वापिस कर दिये थे, यूथ हॉस्टल कैम्प के बाद समाप्त होने के बाद जो प्रमाण पत्र दिया जाता है, वह इन्ही फ़ार्म को देखकर भरा जाता है, अत: अपनी रिपोर्टिंग कराते समय दिये जाने वाले फ़ार्म बेहद सावधानी से भरने चाहिए, नहीं तो मेरी तरह बाद में नाम की स्पेलिंग सही कराने जाओगे तो आपको यह फ़ार्म दिखाकर बता दिया जायेगा कि इसमें हमारी कोई गलती है। आपने फ़ार्म में जो लिखा था इसमें वही लिखा है। कमल ने मेरा फ़ार्म भरा था जिस कारण पवाँर panwar की जगह पवार pawar हो गया था। शुक्र रहा कि पावर नहीं हुआ। फ़ार्म भरते समय हमें वहाँ रहते समय कुछ सावधानियाँ बरतने की हिदायत दी गयी। क्योंकि उस महिला कर्मी ने कमल को बताया दिया था तुम्हारी आँखे बता रही है तुम कुछ गड़बड करके यहाँ आये हो।

YOUTH HOSTEL CAMP GOA

बुधवार, 16 जनवरी 2013

मड़गाँव स्टेशन से पणजी मीरमार बीच तक, Margao To Panji Miramar Beach

गोवा यात्रा-03
हम मड़गाँव स्टेशन से बाहर निकलकर, ऊपरगामी पैदल पुल के ठीक सामने सीधी वाली सड़क नुमा गली से आगे तीन सौ मीटर आने वाले चौक तक चलने लगे, वहाँ से हमें यहाँ के मुख्य बस अड़डा जाने के लिये छोटी-छोटी बसे मिल जायेंगी जिसमें हम सभी का मुश्किल से बीस रुपये किराया ही लगेगा। जैसा कि आप सब जानते ही है कि मैं ठहरा कंजूसों का बाप, अत: मैं तो बस से जाने में राजी था लेकिन कमल के चेहरे से लग रहा था कि वह खुश नहीं है। कुछ देर में ही हम वहाँ पहुँच गये थे जहाँ से हमें वो बस मिलनी थी जिसमें बैठकर हम उस बस अड़ड़े तक पहुँचने वाले थे जहाँ से हमें पुन: एक और बस बदल कर पणजी के लिये प्रस्थान करना था।
इस यात्रा का पहला भाग यहाँ से देखे।                          इस यात्रा का इससे पहला भाग यहाँ से देखे।
Margao Railways station

सोमवार, 14 जनवरी 2013

भारतीय रेल हिजड़ों के शिंकजे में Indian railways under eunuch

गोवा यात्रा-02
जब हम स्टेशन के बाहर आये तो कमल को फ़ोन लगाकर पता किया कि सीट कन्फ़र्म हुई है या वेटिंग ही रह गयी है। जब कमल ने बताया कि हमारी तीनों सीट वेटिंग पर ही अटक गयी है। एक बार बम्बई में रहने वाले अपने दोस्त विशाल राठौर को भी फ़ोन लगाया गया कि मैं तो बस में हूँ आप घर पर हो तो हमारा PNR देखकर हमारी सीट की स्थिति बता देना, विशाल भाई ने मुझे कई बार फ़ोन करके सीट की जानकारी दी थी, जब हर तरह यह सुनिश्चित हो गया था कि आरक्षित सीट तो मिलने से रही तो लगने लगा कि अब आराम करते हुए गोवा जाना सम्भव ही नहीं होगा। मैंने अनिल को टिकट की लाईन ने लगाकर तीन टिकट ले लिये थे। तीन टिकट लेते समय यह ध्यान रखा था कि दो टिकट एक साथ व तीसरा टिकट अलग लिया जाये ताकि बिल्ली के भाग्य से छिका टूटने जैसे दुलर्भ घटना यदि गलती से भी हमारे साथ घट जाये तो हम उसी तरह टिकट वापिस करने को जा सकते थे। 

लोकल डिब्बे  का टिकट

शनिवार, 12 जनवरी 2013

Let's go Goa आओ गोवा चले।

गोवा यात्रा-भाग-01
GOA-गोवा-गोवा-गोवा। गोवा जाने का भूत कई महीनों से सिर चढ़कर बोल रहा था इस साल गोवा जरुर जाना है इस कारण कई महीने पहले से ही यहाँ जाने के लिये पक्का विचार बनाया हुआ था। अब गोवा जाना हो और दिल्ली की ठन्ड से बचने का अवसर भी साथ हो तो इससे बेहतरीन बात और क्या हो सकती थी? गोवा जाने और वहाँ जाकर ठहरने के लिये कौन सा साधन सस्ता व उचित रहेगा, पहले इस बात पर विचार किया गया तो सब मिलाकर यह  पाया गया कि YHAI यूथ हास्टल ऐसोसिएसन इन्डिया के पैकेज के अन्तर्गत गोवा घूमने का अवसर सबसे उचित लग रहा था। जिसे बुक करने के लिये कमल को गोवा यात्रा अग्रिम बुकिंग के लिये दी जाने वाली राशि कई महीने पहले ही सम्पूर्ण राशि अग्रिम दे दी गयी थी। लेकिन जिस बात का ड़र था आखिरकार वही हुआ। मैंने गोवा को साईकिल पैकेज से देखने का सोचा हुआ था। जबकि कमल ने उसे बुक करने के लिये इतनी देर कर दी कि उसकी बुंकिग ही बन्द हो गयी। आखिरकार दिसम्बर माह की पहली तारीख को जाकर कमल ने गोवा यात्रा का दूसरा पैकेज बुक कर दिया, लेकिन यहाँ भी एक गड़बड हो गयी कि कमल ने जो पैकेज बुक किया था वह पैकेज साइकिलिंग का ना होकर ट्रेंकिग वाला था। ट्रेकिंग से अपुन को तो कोई समस्या नहीं थी। इससे एक बात पर असर पड रहा था कि साइकिल से हम उतने ही दिनों में ज्यादा गोवा देख सकते थे जबकि ट्रेकिंग करते समय उतना गोवा देखना मुमकिन नहीं था।
दिल्ली की बस का दोपहर में एक फ़ोटो।
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